गुरुवार, 9 सितंबर 2021

साफ्टपावर की शक्ति (The Power of Softpower)

 साफ्टपावर (Soft Power) क्या होता है? हार्डपावर (Hard Power) क्या होता है? इन दोनों में कौन ज्यादा शक्तिशाली है? और क्यों? आजकल वैश्विक शक्तियां साफ्टपावर की शक्तियों को पहचान कर उसका खूब उपयोग कर रही है| ऐसा नहीं है कि विकासशील देश इन शक्तियों से बेखबर हैं| परन्तु यह सही है कि विकसित एवं विकासशील देशों के साफ्टपावर में वैसा ही अंतर है, जैसा दोनों के हार्डपावर में अंतर है| एक बात और, अविकसित एवं विकासशील देशों में साफ्टपावर का जो भी स्तर है, उसका उपयोग अपने ही देश के विभिन्न समाजों को पछाड़ने में और किसी दुसरे समुदाय के हित साधन में लगाता रहता है|

साफ्टपावर मानसिक (Mental) स्तर पर कार्यरत होता है| इसी के उपयोग से ही होमो सेपियन्स ने विश्व में फैले ताकतवर नियंडरथल और होमो इरेक्टस को समाप्त कर दिया| आज विश्व के अन्य जीव जन्तु भी इन्ही होमो सेपियन्स की कृपा पर जीवित हैं| यह भी कहा जाता है कि ये होमो सेपियन्स (Homo Sapiens) भी जल्द ही होमो ड्यूस (Homo Deus) की कृपा पर बचे रहेंगे या होमो सेपियन्स उस (होमो ड्यूस) के चाल में उलझ कर समाप्त हो जायेंगे| होमो ड्यूस की कहानी सन 2040 के दशक (Decade of 2040’s) दिखने लगेंगे|

हार्डपावर में सभी प्रकार के अस्त्र एवं शस्त्र शामिल हैं| आप अस्त्र शस्त्र को सामान्य भाषा में हथियार (Weapons) कह सकते हैं| साफ्टपावर में बौद्धिक क्षमता (Intellectual Ability) का उपयोग कर उन्हें मानसिक स्तर (Metacognition) पर नियंत्रित किया जाता है| हार्डपावर में भी बौद्धिक क्षमता का उपयोग होता है, परन्तु इसमें शारीरिक नुकसान पहुंचा कर व्यक्ति एवं समाज को नियंत्रित करने का प्रयास करता है| साफ्टपावर के सफल परिणाम में कुछ समय लगता है, परन्तु हार्डपावर के परिणाम में अपेक्षाकृत कम समय लगता है| साफ्टपावर का परिणाम स्थायी होता है और ज्यादा प्रभावी होता है| हार्डपावर का परिणाम अक्सर अस्थायी होता है और असरदार भी नहीं होता है| वर्तमान अफगानिस्तान में पश्चिमी समर्थित हार्डपावर असफल रहा और तालिबान का साफ्टपावर सफल रहा है| यह बात अलग है कि किसी का साफ्टपावर नकारात्मक एवं विध्वंसात्मक है या सकारात्मक एवं रचनात्मक है|

विश्व की बड़ी शक्तियां विश्व के अपने टारगेट क्षेत्रों में कई स्तर पर साफ्टपावर का उपयोग करता रहता है| इन वैश्विक शक्तियों में प्रमुख देश चीन का जनवादी गणराज्य (People’s Republic of China), संयुक्त राज्य अमेरिका एवं रूस (Russian Federation) शामिल हैं| चीन का साफ्टपावर का तो यह प्रभाव है कि इसके विरुद्ध अमेरिका भी बोलने से बचता रहता है, अन्य पीड़ित देशों की तो औकात ही नहीं है|

साफ्टपावर में मानसिक नियंत्रण के लिए उसकी संस्कृति को प्रभावित करना होता है|सामाजिक और सांस्कृतिक सोच, व्यवहार और आचरण करना ही किसी की संस्कृति होती है और यही असली साफ्ट पावर होता है। किसी व्यक्ति या समाज की मानसिक अवस्था या क्रियाशीलता को ही संस्कृति कहते हैं| इस सांस्कृतिक क्रियाशीलता यानि अवस्था का निर्धारण उस समाज के इतिहास बोध (Perception of History) से होता है| इसीलिए लेखक जार्ज ऑरवेल कहते थे कि “जो इतिहास पर नियंत्रण करता है, वह भविष्य पर भी नियंत्रण करता है|”

अभी विश्व में दो तरह की व्यवस्थाएं काम कर रही है – एक सामंतवादी व्यवस्था और दूसरी मानवतावादी व्यवस्था| सामंतवादी व्यवस्था यथास्थितिवादी होती है और यथास्थिति बनाये रखना चाहती है| आज के आधुनिक युग में सामंतवादी व्यवस्था अपने मूल एवं मौलिक स्वरुप में नहीं रह सकती है| आज के युग में सामंतवादी व्यवस्था अपने धार्मिक, संस्कृति एवं संस्कारों के आवरण में रहती है| इससे नादानों एवं मूर्खों को इसका मूल एवं मौलिक स्वरुप नहीं दिखता है| वे इसे अपना धर्म, संस्कृति एवं संस्कार मान कर अपनाए रहते हैं| इस तरह वे किसी भी बदलाव का धर्म, संस्कृति एवं संस्कार के नाम पर विरोध करते हैं| हाँ, इसके लिए यदि इस तथाकथित धर्म, संस्कृति एवं संस्कार को पुरातन, सनातन, ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थापित किया जा सके, तो यह सभी के लिए गौरवशाली बन जाता है और इसका अनुपालन करना जान से भी प्यारी हो जाता है|

मानवतावादी व्यवस्था विज्ञान, तर्क, विश्लेषण एवं विवेकशीलता  पर आधारित होता है| इसीलिए ऐसा समाज एवं संस्कृति आज विकसित हैं| ये ही अब साफ्ट पावर का उपयोग कर रहे हैं| “पेगाशस” साफ्टवेयर भी साफ्ट पावर का उदहारण है| आज “डाटावाद” का उपयोग इसी साफ्ट पावर में हो रहा है, जिसके बारे में अधिकाँश देश बेखबर हैं| इन विकसित देशों से आयातित उपकरणों एवं हथियारों में साफ्टवेयर एवं सेंसरों का उपयोग होता है| ये साफ्टवेयर कब और कितना किनके नियंत्रण में रहेंगे, यह तो समय ही बताएगा|

अब आप भी साफ्ट पावर की शक्तियों एवं प्रभावशीलता को समझ गए होंगे|

निरंजन सिन्हा

मौलिक चिन्तक, व्यवस्था विश्लेषक एवं बौद्धिक उत्प्रेरक

 

6 टिप्‍पणियां:

  1. उत्कृष्ट एवं अत्यधिक लाभकारी जानकारी

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  2. चूंकि वर्तमान दौर में पूंजीवाद सम्पूर्ण विश्व में आक्रामक रूप से हावी है। इसलिये साफ्टपावर को अभी नेपथ्य में रहना होगा, क्योंकि पूंजीवाद की पहली पसंद हार्डपावर होता है। हार्डपावर का विकल्प साफ्टपावर, ओर साफ्टपावर का विकल्प हार्डपावर एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। वर्तमान समय में विश्व पूंजीवाद(हार्डपावर) के समय चक्र में फंसा हुआ प्रतीत मालूम होता है

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  3. सर.. धन्यवाद 🙏🙏🙏.. सॉफ्टपावर आज तालिबान में दिख रहा.... और यह दीर्घकालीन शक्ति को दर्शाता... और विकासशिल देश इसका प्रयोग कर रहे जिसमे हमारा प्यारा भारत भी शामिल है...... ये सारे तथ्य बिल्कुल उचित है.... आपके ब्लॉग में सर 🙏🙏🙏धन्यवाद
    (K. Rajlakshmi)

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  4. By quoting example & explanations it has be made easy to understand. Thank you very much sir.

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