पुस्तक - मूल निवासी का सच
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हम भगवान् को कैसे समझें?
हम किसी भी चीज़ को अपने चेतना से समझते हैं, अर्थात हम किसी भी चीज़ को अपने चेतना के विभिन्न स्तरों के अनुसार कई स्तरों पर, कई तरीकों से, कई ...
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हमारी चेतनाओं का इस कदर ब्राह्मणीकरण किया जा चुका है कि हमें पता ही नहीं है कि हमारी चेतनाओं का भी ब्राह्मणीकरण ...
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यदि आपकी उम्र पचास साल की हो गई है, या होने वाली है, या इससे अधिक ही हो गई है, तो इस आलेख का अवलोकन अवश्य ही करें| यह तो सही है कि अब आपकी ...
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अहम् सवाल है चुनाव कौन जीतता है, या चुनाव कैसे जीता जाता है? जीतता तो कोई एक ही है, यानि उन लोगों का प्रतिनिधित्व कोई एक ही करता है| तो वह क...
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